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मेरे प्यार अकबर.
सलाम ,
बहोत दिन हो गये हमारे एक-दूजे को खत लिखे हुए । ऐसा मौका ही कहाँ आया जो हम खत लिखें?
ज़िन्दगी कि भागादौड में हम इतने उलझ गये हैं कि एक छोटी-सी चिठ्ठी भी लिख नहिं पाते।
पर इससे ये तो नहिं कहा जा सकता कि हमारी मोहब्बत कम हो गई है!!! जैसे जैसे साल गुज़र रहे हैं हमारा प्यार और भी मज़बूत होने लगा है।
वो भी ज़माना था जब हम आपको एक लंबा-सा ख़त लिखते थे और आप हमें छोटा-सा जवाब देकर मना लेते थे क्यों कि आपको हिन्दी लिखना कम आता था। पर आज रात को मैं बैठी हुं कम्प्युटर पर आपको एक खत लिखने पता है क्यों? क्योंकि कल 08-02 को आपका बर्थ-डे है।
पता ही नहिं चला वक़्त कैसे गुज़र गया। लगा ही नहिं कि हमारा एक-दो सालों का साथ नहिं बल्कि 26 साल का साथ है। हमारी शादी को ये 26 साल गुज़र चुके लगता ही नहिं। एक –दो साल में ही हमारी गोद में एक ख़ूबसुरत चाँद-सी बेटी ने जन्म लिया। बिलकुल आपही जैसी हमारी बेटी। शाम को आप कभी अपने काम से देर से आते तो मेरा वक़्त उसी के साथ गुज़रता रहता। आपभी आते ही उसे गोदीमें ले लिया करते। बेटी अब बडी होने लगी तभी एक “गोलमटोल”से बेटे ने हमारे घर में आकर शोर मचा दीया। दोनों ही अब बडे होने लगे तभी हमारा ट्रान्सफ़र हुआ। हमारा छोटा-सा परिवार डीस्टरब हो गया। अब हम एक नये शहर में नए घर कि तलाश में मारे मारे भटकने लगे। ख़ेर घर मिल गया। हमारी आपकी नोकरी भी ठीक चलने लगी। रविवार आने का इंतेज़ार हम सोमवार से ही शुरु कर देते। रविवार हमारे लिये ईद और दीवाली होती। बच्चों कि किलकारीयाँ गुंज जाती। एक बार बेटे ने अपनी छोटी-सी उंगलीको ज़ख़्मी कर दिया तब हमारा क्या हाल था याद है?
समय कहाँ रुकता है? बच्चे अब बडे हो गये हैं। अभी पीछले ही साल अपनी बेटी को दुल्हन बनाते वक़्त आपकी आंखें भर आईंथीं और बेटे की भी।
मेरे हमसफ़र!!!! आपके साथ गुज़र रहा सफ़र बड़ा ही सुहाना रहा। ज़ीन्दगी के हर लम्हे को हम ने जी भर के जीया। आपने हर वक़्त हमें साथ दिया। चाहे मेरी अम्मी-बाबा की तबीयत के वक़्त हो या आपके पापा कि बिमारी के वक़्त!!! हर क़दम आप मेरे साथ रहे। पर पता नहिं कभी हमने आपके दिल को चोट पहोंचाई हो तो मुआफ़ करना। जब भी मैं डेप्युटेशन पर बहार जाती थी आप हँमेशा कहते थे कि हमारी ज़िन्दगी के कंई दिन ज़ुदाई में गुज़र गये। मुझे अकेले अच्छा नहिं लगता। तब मुझे बहोत रोना आता।
”जन्मदिन” है।
जागरण जंकशन”ने।
जागरण जंकशन का शुक्रिया अदा करना चाहुंगी कि चलो valentine contest के बहाने ही सही मैं आपको एक प्यारा तोहफ़ा तो दे पाई!!! इस से अच्छा तोहफ़ा हो सकता है क्या? ख़ुदा से दुआ है कि आप हमेशाँ खुश रहें। दर्द का अहेसास भी आपसे कोसो दूर रहे। अल्लाह करे आपकी उम्र लंबी हो अल्लाह आपको तंदुरस्ती बक्षे।”अल्लाह से दुआ है कि आप मेरी आख़री साँस तक मेरे साथ रहें।
बिल्कुल बारह बज चुके हैं और 8 तारीख लग चुकी है।
लो मैं अपना ख़त आपके नाम लिखे देती हुं।
“अकबर”
आपकी हमेशाँ आप ही की….रज़्ज़ु
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