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हाँ ये संभव है!!पर कब?“Jagran Junction Forum”

मेरी आवाज सुनो
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कब तक…?और क्या ये संभव है? 😕

क्या ऐसा नहिं हो सकता कि कभी किसी पार्टी या पक्ष को अपने प्रचार के बिना ही जीत मिल जाये?

और अगर प्रचार करना ही होतो…

क्या ऐसा नहिं हो सकता कि अपने प्रचार के लिये शराब,पैसा या किसी और प्रलोभन का उपयोग न हो?

क्या बिना लालच के मतदाता को अपने पक्ष में वोट देने के लिए बाध्य न किया जाये?

क्या ऐसा नहिं हो सकता कि आम जनता किसी पार्टी या पक्ष के झूठे वादों के बहकावे में न आकर अपना वोट अपनी समझदारी से तय करे?

बिल्कुल हो सकता है ,पर कब..?

जब हर घर का एक एक पढ-लिखा नौजवान,महिलाएं,निवृत व्यक्ति अपनी बस्ती से शुरुआत करके अपने गांव /शहर के हर प्रश्न का उत्तर ढूंढ लेगा।

कि… क्या मेरे गांव/शहर का हर बच्चा नियमित पाठशाला जाता है?

…क्या मेरे गांव/शहर में एक ऐसा सरकारी अस्पताल है जहाँ गरीबों का सही और मुफ्त इलाज होता है।ताकि मुझे या मेरे गांव/शहर के लोगों को आकस्मिक दूसरी जगहों पर दौडना न पडे।

…क्या मेरे गांव/शहर की  कुदरती आपदाओं से बचने की तैयारी है?

…आगे जो भी मेरे इलाके/गांव/शहर का नेतृत्व करनेवाले ने अपने पहले के वो वचन निभाये हैं जो अपने गांव/शहर के लिये किये थे?

एक मत किसी को भी पराजित या विजयी बना सकता है इसलिए अपने मत को सही और योग्य व्यक्ति के समर्थन में देना होगा और अपने संपर्क में आने वाले व्यक्ति भी अगर मतदान के

प्रति उदासीन हें तो उसे इस बारे में समझना होगा।किसी दल के समर्थन नहीं किये बिना  व्यक्ति का चुनाव करना है।किसी भी दल को चुनने से अच्छा है कि एक योग्य व्यक्ति को चुनें।

चुनाव  में उसके भी वही अधिकार होंगे जो अन्य के होंगे और अपने क्षेत्र के विकास के लिए अगर वह प्रयत्नशील होगा तो विकास भी अवश्य ही होगा।अपने क्षेत्र का विकास देश के

विकास की ओर एक सही कदम होगा।

दलों के घोषणा पत्रों में दिए वादों से भ्रमित न होकर अपने विकास की दिशा से खुद परिचित होकर अपने प्रत्याशी में क्षेत्र/गांव/शहर के विकास की संभावनाएं दिखलाई दे रही हें तो आप

अपने विवेक के अनुसार ही मतदान करें।

राष्ट्रीय मतदाता दिवस (NVD) कि शुरूआत पिछले वर्ष २०११ से हुई जिसे २६ जनवरी से एक दिन पहले यानि २५ जनवरी को मनाया जाता है।

जो कि पिछले साल शुरू किया गया था भारत निर्वाचन आयोग के स्थापना दिवस मनाने और भी मतदाताओं, खासकर युवा कीभागीदारी बढ़ाने के लिये मनाया जाएगा।

राष्ट्रीय मतदाता दिवस के पीछे चुनाव आयोग का उद्देश्य मतदाताओं के नामांकन में वृद्धि, विशेष रूप से नए पात्र लोगों के, सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार एक पूर्ण वास्तविकता बनाने के

लिए इस अवसर का उपयोग करने के लिए, और इस तरह भारतीय लोकतंत्र की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए है।

हमारा कर्तव्य है कि  हम किस प्रकार लालच एवं पूर्वाग्रहों से बच कर, धर्म जाति क्षेत्रियता से उपर उठकर सही प्रत्याशी का चयन करे।

आइये हम 25 जनवरी को जो राष्ट्रीय मतदाता दिवस के अनुसंधान में शपथ लें कि…

हमभारतकेनागरिक, लोकतंत्रमेंअपनीपूर्णआस्थारखतेहुएयहशपथलेतेहेंकिहमअपनेदेशकीलोकतांत्रिकपरम्पराओंकीमर्यादाकोबनायेरखेंगेतथास्वतन्त्र , निष्पक्षएवंशांतिपूर्णनिर्वाचनकीगरिमाकोअक्षुणरखतेहुए , निर्भीकहोकरधर्म , वर्ग, जाति, समुदाय, भाषाअथवाअन्यकिसीभीप्रलोभनसेप्रभावितहुएबिनासभीनिर्वाचनोंमेंअपनेमताधिकारकाप्रयोगकरेंगे।”

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